





भारत के प्रमुख इंडस्ट्रियल हब में से एक, रांची के जिंदादिल नजारों के बारे में जानिए। हुंडरू फॉल्स के गिरते हुए जादुई नजारे से लेकर जगन्नाथपुर के आध्यात्मिक आभामंडल तक, प्रकृति की अद्भुत कलाकारी को समझिए। ऊँचे टैगोर हिल पर बिखरे मनमोहक दृश्यों में खो जाएँ, या भगवान बिरसा जैव उद्यान की उत्सुकता जगाने वाली यात्रा का आनंद लें। वॉर सीमेट्री में जाकर, इतिहास को अपने आंखों से जीवित होता देखें।
हमारा Radisson Road Trip का नया प्रयास यह सुनिश्चित करता है कि किसी होटल को खोजने के लिए आपको कभी भी चार घंटों से अधिक गाड़ी का सफर ना करना पड़े, जिससे सहजता और आराम मिलना पक्का होता है।
1942 में ब्रिटिश फौज द्वारा स्थापित, द्वितीय विश्व युद्ध के इस समाधि-क्षेत्र में 700 से अधिक मृत सैनिकों की कब्रें हैं।
वन्यजीवन और विशिष्ट वनस्पतियों का प्राकृतिक आवास, भगवान बिरसा बायोलॉजिकल पार्क प्रसिद्ध संरक्षण तौर-तरीकों के लिए जाना जाता है जो इसे भारत के सर्वश्रेष्ठ चिड़ियाघरों में से एक बनाते हैं।
रांची की भौगोलिक सीमा के अंतिम कोने पर, बंदगांव के पास, रामगढ़ नदी 37 मीटर की ऊँचाई से नीचे गिरती है, जिससे शानदार हिरणी फॉल्स का निर्माण होता है। घने जंगल में स्थित हिरणी फॉल्स में भरपूर प्राकृतिक खूबसूरती और शानदार दृश्य संजोए हुए हैं, जो प्रकृति प्रेमियों और हाइकरों के लिए इसे एक आदर्श जगह बना रहे हैं।
यह शानदार डेस्टिनेशन खूबसूरत खूंटी गांव के पास मौजूद है। पंचघाघ फॉल्स पांच कमाल के जलप्रपातों का घर है जो ढलवां पहाड़ियों से नीचे की ओर गिर रहे हैं। फॉल्स की तलहटी में शांति के साथ चैन की सांस लीजिए, जो दोस्तों औऱ परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए एकदम सही जगह है।
यह हिंदू तीर्थ केंद्र, भारत के प्रमुख छिन्नमस्ता मंदिरों में से एक है। यहाँ आप देवी छिन्नमस्ता की बिना सिर वाली मूर्ति मिलेगी, जो कमल के फूल के आधार पर कामदेव और रति के शरीरों के ऊपर खड़ी हैं। इस धर्म-स्थल पर हर दिन दो से तीन हजार लोग दर्शन-पूजन करने आते हैं।
सूर्य टेंपल या सूर्य मंदिर बुंडू के पास स्थित है, जो एक हिंदू मंदिर परिसर है, जो सूर्य देवता को समर्पित है। मंदिर को विशाल रथ के रूप में बनाया गया है जिसके साथ भव्य रूप से अठारह पहियों और सात प्राकृतिक दिखने वाले घोड़ों का डिजाइन किया गया है। मंदिर में शिव, पार्वती और गणेश सहित कई अन्य देवी-देवताओं की भी प्रतिमाएं स्थापित हैं।
छोटानागपुर के पठार की पहाड़ियों में फैली हुई, पतरातू घाटी से आस-पास के अद्भुत प्राकृतिक नजारे देखने को मिलते हैं। यह घाटी प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्रॉफरों के बीच बहुत ही मशहूर है क्योंकि यहाँ के घने जंगल, खूबसूरत ढलवां पहाड़ियाँ, और लहरदार बहती हुई पतरातू नदी के दृश्य कमाल के हैं।
बरकागढ़ जगन्नाथपुर के राजा द्वारा 17वीं शताब्दी में बनावाया गया जगन्नाथ मंदिर, इस इलाके के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक जगहों में से एक है। यह सुंदर हिंदु मंदिर, भगवान विष्णु के अवतार, भगवान जगन्नाथ को समर्पित है, जो एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और यहाँ से रांची के आस-पास के क्षेत्र का मनमोहकर नजारा दिखता है।
कांची नदी पर बनने वाला या जादुई झरना एक प्राकृतिक जल-प्रपात है जो 44 मीटर की ऊँचाई से कई चरणों में होकर नीचे गिर रहा है। आस-पास के जंगल और पहाड़ी इलाकों में घूमें-फिरें और दसम फॉल्स का उसके क्षेत्र में आनंद लें।
वॉटरफॉलो, कलाकृतियों, और मूर्तियों के बीच मौजूद, राँची का रॉक गॉर्डन एक शांतिपूर्ण सैर का वादा करता है। लोहे के फुटब्रिज पर चहल-कदमी कीजिए और कांके धाम की आदर्श लोकेशन से शहर के मन मोह लेने वाले दृश्यों की प्रशंसा कीजिए।
यह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, झारखंड क्रिकेट टीम का घर है। रांची के इस आधुनिक स्टेडियम में कोई रोमांचक मैच देखिए। अब तक, स्टेडियम ने इंडियन प्रीमियर लीग के सात मैचों की मेजबानी की है।
गेतलसूद डैम, जो 1971 में सुवर्णरेखा नदी पर बनाया गया था, प्री-वेडिंग फोटोशूट और पिकनिक के लिए एक आदर्श स्थान है। हरे-भरे वातावरण से घिरा हुआ, यह एक शांतिपूर्ण जगह है, विशेष रूप से मानसून और सर्दियों के महीनों में।